Ram Tajoon Pai Guru Na Bisaroon
इस भजन में समाहित है एक अद्वितीय भावना और भक्ति की अनूठी धारा, जो हमें दिव्यता की अनुभूति में ले जाती है। "सहजो बाई" के सुर में छिपा हुआ है एक आध्यात्मिक सफलता का राज, जो हमें साधना के माध्यम से अद्वितीयता की ओर प्रवृत्ति करता है।

इस भजन के माध्यम से हम सभी मिलकर भगवान की अनुभूति में लीन होने का अनुभव करेंगे और भगवद् भावना को साझा करेंगे। चलिए, इस भजन की मधुर सुरीले ध्वनियों में खोजते हैं और भक्ति की उच्चाईयों तक सार्थक यात्रा करते हैं।
हरि ने जन्म दियो जग माहीं। गुरु ने आवा गमन छुटाहीं ।।
हरि ने पाँच चोर दिये साथा। गुरु ने लई छुटाय अनाथा ।।
हरि ने रोग भोग उरझायो। गुरु जोगी करि सबै छुटायो ।।
हरि ने कर्म मर्म भरमायो। गुरु ने आतम रूप लखायो ।।
फिरि हरि वध मुक्ति गति लाये। गुरु ने सब ही भर्म मिटाये ।।
चरन दास पर तन-मन वारूँ। गुरु न तजूँ हरि को तजि डारूँ ।।