Sher Pe Sawar Hoke Aaja Sherawaliye (शेर पे सवार होके आजा शेरावालिये)

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Sher Pe Sawar Hoke Aaja Sherawaliye

यह भजन "Sher Pe Sawar Hoke Aaja Sherawaliye" मां ज्योति के प्रति आदर और भक्ति का अभिव्यक्ति है। इसमें मां के शक्ति और प्रकाश के प्रति विश्वास को दर्शाया गया है।

Sher Pe Sawar Hoke Aaja Sherawaliye

भजन में मां के द्वारा अंधकार में प्रकाश और सहायता का वर्णन किया गया है, जो हमें जीवन के संघर्षों में मार्गदर्शन करती हैं। इसका प्रस्तावना देवी मां के महत्वपूर्ण गुणों की महिमा और उनकी प्राचीन कथाओं की गरिमा का संक्षेप में प्रस्तुत करता है।



शेर पे सवार होके आजा, ओ शेरावालिये, ओ शेरावालिये, माँ ज्योता वालिये, शेर पे सवार होके आजा, ओ शेरावालिये || ज्योति माँ जगा के, तेरी आस यह लगाई है, जिन का ना कोई, उनकी तुही सहाई है, रौशनी अंधेरों में दिखा जा, ओ शेरावालिये, शेर पे सवार होके आजा, ओ शेरावालिये शेरावालिये, माँ ज्योता वालिये.. राखिओ माँ लाज, इन अखियों के तारों की, डूबने ना पाए, नैया हम बेसहारों की, नैया को किनारे पे लगा जा, ओ शेरावालिये, शेर पे सवार होके आजा, ओ शेरावालिये, शेरावालिये, माँ लाटां वालिये.. सच्चे दिल से, ध्यानु जी ने जब था बुलाया माँ, कटा हुआ शीश, तूने घोड़े का लगाया माँ, भगतों की आन को बचा जा, ओ शेरावालिये, शेर पे सवार होके आजा, ओ शेरावालिये, शेरावालिये, माँ ज्योता वालिये ||

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