Gurudev Daya Karke Mujhko Apna Lena
यह भजन "Gurudev Daya Karke Mujhko Apna Lena" श्री गुरुदेव के अत्यंत प्रेम और शरणागति की भावना से ओतप्रोत भरा हुआ है। इस भजन के माध्यम से भक्त अपने गुरुदेव के प्रति अपनी अनन्य भक्ति और विश्वास को व्यक्त करता है, उनसे अपने जीवन को दीर्घकालिक मार्गदर्शन प्राप्त करने का आग्रह करता है।

इस भजन में गुरुदेव की करुणा, प्रेम, और अनंत शक्ति को स्पष्ट रूप से व्यक्त किया गया है, जो भक्त के जीवन को सुखमय और समृद्धि पूर्ण बनाने का आशीर्वाद देते हैं। भक्त ने अपनी छोटी-सी भूलों और पापों के लिए क्षमा प्राप्त करने की भी प्रार्थना की है और गुरुदेव से अपने दीन-दुखियों को संबोधित करने का आग्रह किया है।
इस भजन के माध्यम से हम अपने गुरुदेव के प्रति अपना सर्वोत्तम समर्पण और निष्ठा बनाए रखने का संकल्प करते हैं और उनकी दिव्य शक्तियों का अनुभव करने की प्रार्थना करते हैं। यह भजन हमें एक उदाहरणपूर्वक भक्ति और समर्पण की भावना प्रदान करता है, जो हमें आत्मिक उन्नति और आनंद में सहायक हो सकता है। गुरुदेव से मिलने का इच्छुक हृदय से हम इस भजन के माध्यम से अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
मैं शरण पड़ा तेरी चरणों में जगह देना,
गुरुदेव दया करके मुझको अपना लेना।
करूणानिधि नाम तेरा, करुन दिखलाओ तुम,
सोये हुए भाग्यो को, हे नाथ जगाओ तुम।
मेरी नाव भवर डोले इसे पार लगा देना,
गुरुदेव दया करके मुझको अपना लेना॥
तुम सुख के सागर हो, निर्धन के सहारे हो,
इस तन में समाये हो, मुझे प्राणों से प्यारे हो।
नित्त माला जपूँ तेरी, नहीं दिल से भुला देना,
गुरुदेव दया करके मुझको अपना लेना॥
पापी हूँ या कपटी हूँ, जैसा भी हूँ तेरा हूँ,
घर बार छोड़ कर मैं जीवन से खेला हूँ।
दुःख का मार हूँ मैं, मेरा दुखड़ा मिटा देना,
गुरुदेव दया करके मुझको अपना लेना॥
मैं सब का सेवक हूँ, तेरे चरणों का चेरा हूँ,
नहीं नाथ भुलाना मुझे, इस जग में अकेला हूँ।
तेरे दर का भिखारी हूँ, मेरे दोष मिटा देना,
गुरुदेव दया करके मुझको अपना लेना॥