Mera Dard Na Jane Koi: Meera Bai Bhajan(मेरो दरद न जाणै कोय: मीरा बाई भजन )
Estimated read time: 1 min
Mera Dard Na Jane Koi
हे री मैं तो प्रेम-दिवानी मेरो दरद न जाणै कोय। यह भजन मीरा बाई के प्रेम और भक्ति की गहरी भावनाओं को स्पष्टता से व्यक्त करता है।
इस भजन में उन्होंने अपने प्रेम-दिवानेपन को एक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया है।
हे री मैं तो प्रेम-दिवानी मेरो दरद न जाणै कोय।
घायल की गति घायल जाणै जो कोई घायल होय।
जौहरि की गति जौहरी जाणै की जिन जौहर होय।
सूली ऊपर सेज हमारी सोवण किस बिध होय।
गगन मंडल पर सेज पिया की किस बिध मिलणा होय।
दरद की मारी बन-बन डोलूं बैद मिल्या नहिं कोय।
मीरा की प्रभु पीर मिटेगी जद बैद सांवरिया होय।
We have detected that you are using adblocking plugin in your browser. The revenue we earn by the advertisements is used to manage this website, we request you to whitelist our website in your adblocking plugin.
Site is Blocked
Sorry! This site is not available in your country.